भूटान के साथ दोस्ती चाहता है चीन, सीमा समझौते पर बातचीत, भारत की पैनी नजर

भूटान के साथ दोस्ती चाहता है चीन




चीन क्यों चाहता है भूटान के साथ दोस्ती?

चीन भूटान के साथ दोस्ती चाहता है, क्योंकि भूटान भारत का एक करीबी सहयोगी है। चीन भारत को अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखता है और वह भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है। भूटान के साथ दोस्ती करके चीन भारत को अलग कर सकता है और भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है।

चीन और भूटान के बीच सीमा विवाद क्या है?

चीन और भूटान के बीच 470 किलोमीटर लंबी सीमा है। इस सीमा पर कई विवादित इलाके हैं। चीन इन विवादित इलाकों पर अपना दावा करता है। भूटान ने इन विवादित इलाकों पर चीन के दावे को खारिज कर दिया है।

भारत क्यों रख रहा है पैनी नजर चीन और भूटान की बातचीत पर?

भारत चीन और भूटान की बातचीत पर पैनी नजर रख रहा है, क्योंकि भारत की सुरक्षा भूटान की सुरक्षा पर निर्भर करती है। अगर चीन भूटान के साथ सीमा समझौते पर हस्ताक्षर करता है, तो यह भारत के लिए एक बड़ा खतरा होगा। चीन भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है और वह भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहा है।

चीन और भूटान के बीच सीमा समझौता भारत को कैसे प्रभावित करेगा?

अगर चीन और भूटान के बीच सीमा समझौता होता है, तो यह भारत को कई तरह से प्रभावित करेगा। सबसे पहले, यह भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करेगा। चीन भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है और वह भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहा है। दूसरा, यह भारत और भूटान के संबंधों को प्रभावित करेगा। भारत और भूटान के बीच मजबूत संबंध हैं और यह संबंध भारत की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। तीसरा, यह भारत के आर्थिक हितों को प्रभावित करेगा। भारत और भूटान के बीच व्यापार और निवेश संबंध हैं।

निष्कर्ष:

चीन और भूटान के बीच सीमा समझौते पर बातचीत चल रही है। चीन भूटान के साथ दोस्ती चाहता है, लेकिन भारत इस बातचीत पर पैनी नजर रख रहा है। भारत और भूटान के बीच मजबूत संबंध हैं और भारत भूटान की सुरक्षा का गारंटर है। अगर चीन और भूटान के बीच सीमा समझौता होता है, तो यह भारत की सुरक्षा, भारत और भूटान के संबंधों और भारत के आर्थिक हितों को प्रभावित करेगा।

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